http://billionsinchange.in/en/film/
Just read about The Hans Foundation. Very advanced and innovative solutions for problems of people who still not have clean water, Electricity and proper resources for agriculture. All free. Thanks toMr. Manoj Bhargava and Ms. Sweta Rawat. An inspiration for all of us.
Please read and spread this information.
देंगीश्रेय: वामन सेठी जब एक स्वस्थ बच्चे के पालन-पोषण की बात आती है, तो माता-पिता पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। बच्चे अक्सर अपने आस-पास के वयस्कों को देखकर सीखते हैं, इसलिए यदि माता-पिता स्वस्थ आदतें अपनाते हैं, तो बच्चे भी उनका अनुसरण करने की अधिक संभावना रखते हैं। इसमें संतुलित भोजन करना, सक्रिय रहना, तनाव का प्रबंधन करना और अच्छी स्वच्छता बनाए रखना जैसी चीजें शामिल हैं। कम उम्र में बच्चे जो आदतें बनाते हैं, वे वयस्क होने पर उनके स्वास्थ्य और कल्याण की नींव तैयार करने में मदद करती हैं। डॉ. श्रेया दुबे, कंसल्टेंट- पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉग, कहती हैं कि बच्चों को सिर्फ यह बताना ही काफी नहीं है कि उन्हें क्या करना चाहिए, उन्हें कार्यों के माध्यम से दिखाने से बहुत फर्क पड़ता है। "बच्चे आप जो कहते हैं उससे अधिक आप जो करते हैं उससे सीखते हैं। स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित करने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें स्वयं अपनाना है। पोषण और स्वच्छता से लेकर भावनात्मक कल्याण और शारीरिक गतिविधि तक," बच्चे जो देखते हैं उसका अनुकरण करते हैं: बच्चे केवल आप जो कहते हैं उसे नहीं सुनते; वे देखते ह...
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